123وَكَذٰلِكَ جَعَلنا في كُلِّ قَريَةٍ أَكابِرَ مُجرِميها لِيَمكُروا فيها ۖ وَما يَمكُرونَ إِلّا بِأَنفُسِهِم وَما يَشعُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(कि भला ही भला नज़र आता है) और जिस तरह मक्के में है उसी तरह हमने हर बस्ती में उनके कुसूरवारों को सरदार बनाया ताकि उनमें मक्कारी किया करें और वह लोग जो कुछ करते हैं अपने ही हक़ में (बुरा) करते हैं और समझते (तक) नहीं