120وَذَروا ظاهِرَ الإِثمِ وَباطِنَهُ ۚ إِنَّ الَّذينَ يَكسِبونَ الإِثمَ سَيُجزَونَ بِما كانوا يَقتَرِفونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदछोड़ो खुले गुनाह को भी और छिपे को भी। निश्चय ही गुनाह कमानेवालों को उसका बदला दिया जाएगा, जिस कमाई में वे लगे रहे होंगे