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Sura 6
Aya 12
12
قُل لِمَن ما فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ ۖ قُل لِلَّهِ ۚ كَتَبَ عَلىٰ نَفسِهِ الرَّحمَةَ ۚ لَيَجمَعَنَّكُم إِلىٰ يَومِ القِيامَةِ لا رَيبَ فيهِ ۚ الَّذينَ خَسِروا أَنفُسَهُم فَهُم لا يُؤمِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कहो, "आकाशों और धरती में जो कुछ है किसका है?" कह दो, "अल्लाह ही का है।" उसने दयालुता को अपने ऊपर अनिवार्य कर दिया है। निश्चय ही वह तुम्हें क़ियामत के दिन इकट्ठा करेगा, इसमें कोई सन्देह नहीं है। जिन लोगों ने अपने-आपको घाटे में डाला है, वही है जो ईमान नहीं लाते