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Sura 6
Aya 112
112
وَكَذٰلِكَ جَعَلنا لِكُلِّ نَبِيٍّ عَدُوًّا شَياطينَ الإِنسِ وَالجِنِّ يوحي بَعضُهُم إِلىٰ بَعضٍ زُخرُفَ القَولِ غُرورًا ۚ وَلَو شاءَ رَبُّكَ ما فَعَلوهُ ۖ فَذَرهُم وَما يَفتَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

कि और (ऐ रसूल जिस तरह ये कुफ्फ़ार तुम्हारे दुश्मन हैं) उसी तरह (गोया हमने ख़ुद आज़माइश के लिए शरीर आदमियों और जिनों को हर नबी का दुश्मन बनाया वह लोग एक दूसरे को फरेब देने की ग़रज़ से चिकनी चुपड़ी बातों की सरग़ोशी करते हैं और अगर तुम्हारा परवरदिगार चाहता तो ये लोग) ऐसी हरकत करने न पाते