103لا تُدرِكُهُ الأَبصارُ وَهُوَ يُدرِكُ الأَبصارَ ۖ وَهُوَ اللَّطيفُ الخَبيرُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनिगाहें उसे नहीं पा सकतीं, बल्कि वही निगाहों को पा लेता है। वह अत्यन्त सूक्ष्म (एवं सूक्ष्मदर्शी) ख़बर रखनेवाला है