You are here: Home » Chapter 58 » Verse 8 » Translation
Sura 58
Aya 8
8
أَلَم تَرَ إِلَى الَّذينَ نُهوا عَنِ النَّجوىٰ ثُمَّ يَعودونَ لِما نُهوا عَنهُ وَيَتَناجَونَ بِالإِثمِ وَالعُدوانِ وَمَعصِيَتِ الرَّسولِ وَإِذا جاءوكَ حَيَّوكَ بِما لَم يُحَيِّكَ بِهِ اللَّهُ وَيَقولونَ في أَنفُسِهِم لَولا يُعَذِّبُنَا اللَّهُ بِما نَقولُ ۚ حَسبُهُم جَهَنَّمُ يَصلَونَها ۖ فَبِئسَ المَصيرُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिनको सरगोशियाँ करने से मना किया गया ग़रज़ जिस काम की उनको मुमानिअत की गयी थी उसी को फिर करते हैं और (लुत्फ़ तो ये है कि) गुनाह और (बेजा) ज्यादती और रसूल की नाफरमानी की सरगोशियाँ करते हैं और जब तुम्हारे पास आते हैं तो जिन लफ्ज़ों से ख़ुदा ने भी तुम को सलाम नहीं किया उन लफ्ज़ों से सलाम करते हैं और अपने जी में कहते हैं कि (अगर ये वाक़ई पैग़म्बर हैं तो) जो कुछ हम कहते हैं ख़ुदा हमें उसकी सज़ा क्यों नहीं देता (ऐ रसूल) उनको दोज़ख़ ही (की सज़ा) काफी है जिसमें ये दाख़िल होंगे तो वह (क्या) बुरी जगह है