18يَومَ يَبعَثُهُمُ اللَّهُ جَميعًا فَيَحلِفونَ لَهُ كَما يَحلِفونَ لَكُم ۖ وَيَحسَبونَ أَنَّهُم عَلىٰ شَيءٍ ۚ أَلا إِنَّهُم هُمُ الكاذِبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन अल्लाह उन सबको उठाएगा तो वे उसके सामने भी इसी तरह क़समें खाएँगे, जिस तरह तुम्हारे सामने क़समें खाते है और समझते हैं कि वे किसी बुनियाद पर है। सावधान रहो, निश्चय ही वही झूठे है!