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Sura 58
Aya 14
14
۞ أَلَم تَرَ إِلَى الَّذينَ تَوَلَّوا قَومًا غَضِبَ اللَّهُ عَلَيهِم ما هُم مِنكُم وَلا مِنهُم وَيَحلِفونَ عَلَى الكَذِبِ وَهُم يَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिन्होंने ऐसे लोगों को मित्र बनाया जिनपर अल्लाह का प्रकोप हुआ है? वे न तुममें से है और न उनमें से। और वे जानते-बूझते झूठी बात पर क़सम खाते है