12يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا إِذا ناجَيتُمُ الرَّسولَ فَقَدِّموا بَينَ يَدَي نَجواكُم صَدَقَةً ۚ ذٰلِكَ خَيرٌ لَكُم وَأَطهَرُ ۚ فَإِن لَم تَجِدوا فَإِنَّ اللَّهَ غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ ईमान लानेवालो! जब तुम रसूल से अकेले में बात करो तो अपनी गुप्त वार्ता से पहले सदक़ा दो। यह तुम्हारे लिए अच्छा और अधिक पवित्र है। फिर यदि तुम अपने को इसमें असमर्थ पाओ, तो निश्चय ही अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है