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Sura 57
Aya 23
23
لِكَيلا تَأسَوا عَلىٰ ما فاتَكُم وَلا تَفرَحوا بِما آتاكُم ۗ وَاللَّهُ لا يُحِبُّ كُلَّ مُختالٍ فَخورٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ताकि जब कोई चीज़ तुमसे जाती रहे तो तुम उसका रंज न किया करो और जब कोई चीज़ (नेअमत) ख़ुदा तुमको दे तो उस पर न इतराया करो और ख़ुदा किसी इतराने वाले येख़ी बाज़ को दोस्त नहीं रखता