12يَومَ تَرَى المُؤمِنينَ وَالمُؤمِناتِ يَسعىٰ نورُهُم بَينَ أَيديهِم وَبِأَيمانِهِم بُشراكُمُ اليَومَ جَنّاتٌ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ خالِدينَ فيها ۚ ذٰلِكَ هُوَ الفَوزُ العَظيمُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन तुम मोमिन पुरुषों और मोमिन स्त्रियों को देखोगे कि उनका प्रकाश उनके आगे-आगे दौड़ रहा है और उनके दाएँ हाथ में है। (कहा जाएगा,) "आज शुभ सूचना है तुम्हारे लिए ऐसी जन्नतों की जिनके नीचे नहरें बह रही है, जिनमें सदैव रहना है। वही बड़ी सफलता है।"