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Sura 57
Aya 10
10
وَما لَكُم أَلّا تُنفِقوا في سَبيلِ اللَّهِ وَلِلَّهِ ميراثُ السَّماواتِ وَالأَرضِ ۚ لا يَستَوي مِنكُم مَن أَنفَقَ مِن قَبلِ الفَتحِ وَقاتَلَ ۚ أُولٰئِكَ أَعظَمُ دَرَجَةً مِنَ الَّذينَ أَنفَقوا مِن بَعدُ وَقاتَلوا ۚ وَكُلًّا وَعَدَ اللَّهُ الحُسنىٰ ۚ وَاللَّهُ بِما تَعمَلونَ خَبيرٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और तुमको क्या हो गया कि (अपना माल) ख़ुदा की राह में ख़र्च नहीं करते हालॉकि सारे आसमान व ज़मीन का मालिक व वारिस ख़ुदा ही है तुममें से जिस शख़्श ने फतेह (मक्का) से पहले (अपना माल) ख़र्च किया और जेहाद किया (और जिसने बाद में किया) वह बराबर नहीं उनका दर्जा उन लोगों से कहीं बढ़ कर है जिन्होंने बाद में ख़र्च किया और जेहाद किया और (यूँ तो) ख़ुदा ने नेकी और सवाब का वायदा तो सबसे किया है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाक़िफ़ है