70لَو نَشاءُ جَعَلناهُ أُجاجًا فَلَولا تَشكُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि हम चाहें तो उसे अत्यन्त खारा बनाकर रख दें। फिर तुम कृतज्ञता क्यों नहीं दिखाते?