65لَو نَشاءُ لَجَعَلناهُ حُطامًا فَظَلتُم تَفَكَّهونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि हम चाहें तो उसे चूर-चूर कर दें। फिर तुम बातें बनाते रह जाओ