61عَلىٰ أَن نُبَدِّلَ أَمثالَكُم وَنُنشِئَكُم في ما لا تَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकि हम तुम्हारे जैसों को बदल दें और तुम्हें ऐसी हालत में उठा खड़ा करें जिसे तुम जानते नहीं