47وَكانوا يَقولونَ أَئِذا مِتنا وَكُنّا تُرابًا وَعِظامًا أَإِنّا لَمَبعوثونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर कहा करते थे कि भला जब हम मर जाएँगे और (सड़ गल कर) मिटटी और हडिडयाँ (ही हडिडयाँ) रह जाएँगे