47وَكانوا يَقولونَ أَئِذا مِتنا وَكُنّا تُرابًا وَعِظامًا أَإِنّا لَمَبعوثونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहते थे, "क्या जब हम मर जाएँगे और मिट्टी और हड्डियाँ होकर रहे जाएँगे, तो क्या हम वास्तव में उठाए जाएँगे?