46وَلِمَن خافَ مَقامَ رَبِّهِ جَنَّتانِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो शख्स अपने परवरदिगार के सामने खड़े होने से डरता रहा उसके लिए दो दो बाग़ हैं