31سَنَفرُغُ لَكُم أَيُّهَ الثَّقَلانِफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ दोनों गिरोहों) हम अनक़रीब ही तुम्हारी तरफ मुतावज्जे होंगे