29يَسأَلُهُ مَن فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ ۚ كُلَّ يَومٍ هُوَ في شَأنٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जितने लोग सारे आसमान व ज़मीन में हैं (सब) उसी से माँगते हैं वह हर रोज़ (हर वक्त) मख़लूक के एक न एक काम में है