7خُشَّعًا أَبصارُهُم يَخرُجونَ مِنَ الأَجداثِ كَأَنَّهُم جَرادٌ مُنتَشِرٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवे अपनी झुकी हुई निगाहों के साथ अपनी क्रबों से निकल रहे होंगे, मानो वे बिखरी हुई टिड्डियाँ है;