5حِكمَةٌ بالِغَةٌ ۖ فَما تُغنِ النُّذُرُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर इन्तेहा दर्जे की दानाई मगर (उनको तो) डराना कुछ फ़ायदा नहीं देता