27إِنّا مُرسِلُو النّاقَةِ فِتنَةً لَهُم فَارتَقِبهُم وَاصطَبِرफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ सालेह) हम उनकी आज़माइश के लिए ऊँटनी भेजने वाले हैं तो तुम उनको देखते रहो और (थोड़ा) सब्र करो