25أَأُلقِيَ الذِّكرُ عَلَيهِ مِن بَينِنا بَل هُوَ كَذّابٌ أَشِرٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"क्या हमारे बीच उसी पर अनुस्मृति उतारी है? नहीं, बल्कि वह तो परले दरजे का झूठा, बड़ा आत्मश्लाघी है।"