19إِنّا أَرسَلنا عَلَيهِم ريحًا صَرصَرًا في يَومِ نَحسٍ مُستَمِرٍّफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहमने उन पर बहुत सख्त मनहूस दिन में बड़े ज़न्नाटे की ऑंधी चलायी