11فَفَتَحنا أَبوابَ السَّماءِ بِماءٍ مُنهَمِرٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो अब तू ही (इनसे) बदला ले तो हमने मूसलाधार पानी से आसमान के दरवाज़े खोल दिए