55فَبِأَيِّ آلاءِ رَبِّكَ تَتَمارىٰफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो तू (ऐ इन्सान आख़िर) अपने परवरदिगार की कौन सी नेअमत पर शक़ किया करेगा