31وَلِلَّهِ ما فِي السَّماواتِ وَما فِي الأَرضِ لِيَجزِيَ الَّذينَ أَساءوا بِما عَمِلوا وَيَجزِيَ الَّذينَ أَحسَنوا بِالحُسنَىफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही का है, ताकि जिन लोगों ने बुराई की हो उनको उनकी कारस्तानियों की सज़ा दे और जिन लोगों ने नेकी की है (उनकी नेकी की जज़ा दे)