29فَأَعرِض عَن مَن تَوَلّىٰ عَن ذِكرِنا وَلَم يُرِد إِلَّا الحَياةَ الدُّنياफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः तुम उसको ध्यान में न लाओ जो हमारे ज़िक्र से मुँह मोड़ता है और सांसारिक जीवन के सिवा उसने कुछ नहीं चाहा