24أَم لِلإِنسانِ ما تَمَنّىٰफ़ारूक़ ख़ान & अहमद(क्या उनकी देवियाँ उन्हें लाभ पहुँचा सकती है) या मनुष्य वह कुछ पा लेगा, जिसकी वह कामना करता है?