40أَم تَسأَلُهُم أَجرًا فَهُم مِن مَغرَمٍ مُثقَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीया तुम उनसे (तबलीग़े रिसालत की) उजरत माँगते हो कि ये लोग कर्ज़ के बोझ से दबे जाते हैं