33أَم يَقولونَ تَقَوَّلَهُ ۚ بَل لا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदया वे कहते है, "उसने उस (क़ुरआन) को स्वयं ही कह लिया है?" नहीं, बल्कि वे ईमान नहीं लाते