9وَنَزَّلنا مِنَ السَّماءِ ماءً مُبارَكًا فَأَنبَتنا بِهِ جَنّاتٍ وَحَبَّ الحَصيدِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने आसमान से बरकत वाला पानी बरसाया तो उससे बाग़ (के दरख्त) उगाए और खेती का अनाज और लम्बी लम्बी खजूरें