43إِنّا نَحنُ نُحيي وَنُميتُ وَإِلَينَا المَصيرُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम ही जीलन प्रदान करते और मृत्यु देते है और हमारी ही ओर अन्ततः आना है। -