37إِنَّ في ذٰلِكَ لَذِكرىٰ لِمَن كانَ لَهُ قَلبٌ أَو أَلقَى السَّمعَ وَهُوَ شَهيدٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइसमें शक़ नहीं कि जो शख़्श (आगाह) दिल रखता है या कान लगाकर हुज़ूरे क़ल्ब से सुनता है उसके लिए इसमें (काफ़ी) नसीहत है