36وَكَم أَهلَكنا قَبلَهُم مِن قَرنٍ هُم أَشَدُّ مِنهُم بَطشًا فَنَقَّبوا فِي البِلادِ هَل مِن مَحيصٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनसे पहले हम कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर चुके है। वे लोग शक्ति में उनसे कहीं बढ़-चढ़कर थे। (पनाह की तलाश में) उन्होंने नगरों को छान मारा, कोई है भागने को ठिकाना?