31وَأُزلِفَتِ الجَنَّةُ لِلمُتَّقينَ غَيرَ بَعيدٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जन्नत डर रखनेवालों के लिए निकट कर दी गई, कुछ भी दूर न रही