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Sura 50
Aya 29
29
ما يُبَدَّلُ القَولُ لَدَيَّ وَما أَنا بِظَلّامٍ لِلعَبيدِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

मेरे यहाँ बात बदला नहीं करती और न मैं बन्दों पर (ज़र्रा बराबर) ज़ुल्म करने वाला हूँ