18ما يَلفِظُ مِن قَولٍ إِلّا لَدَيهِ رَقيبٌ عَتيدٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकोई बात उसकी ज़बान पर नहीं आती मगर एक निगेहबान उसके पास तैयार रहता है