81وَلَو كانوا يُؤمِنونَ بِاللَّهِ وَالنَّبِيِّ وَما أُنزِلَ إِلَيهِ مَا اتَّخَذوهُم أَولِياءَ وَلٰكِنَّ كَثيرًا مِنهُم فاسِقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि वे अल्लाह और नबी पर और उस चीज़ पर ईमान लाते, जो उसकी ओर अवतरित हुईस तो वे उनको मित्र न बनाते। किन्तु उनमें अधिकतर अवज्ञाकारी है