77قُل يا أَهلَ الكِتابِ لا تَغلوا في دينِكُم غَيرَ الحَقِّ وَلا تَتَّبِعوا أَهواءَ قَومٍ قَد ضَلّوا مِن قَبلُ وَأَضَلّوا كَثيرًا وَضَلّوا عَن سَواءِ السَّبيلِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ रसूल तुम कह दो कि ऐ अहले किताब तुम अपने दीन में नाहक़ ज्यादती न करो और न उन लोगों (अपने बुज़ुगों) की नफ़सियानी ख्वाहिशों पर चलो जो पहले ख़ुद ही गुमराह हो चुके और (अपने साथ और भी) बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा और राहे रास्त से (दूर) भटक गए