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Sura 5
Aya 67
67
۞ يا أَيُّهَا الرَّسولُ بَلِّغ ما أُنزِلَ إِلَيكَ مِن رَبِّكَ ۖ وَإِن لَم تَفعَل فَما بَلَّغتَ رِسالَتَهُ ۚ وَاللَّهُ يَعصِمُكَ مِنَ النّاسِ ۗ إِنَّ اللَّهَ لا يَهدِي القَومَ الكافِرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ऐ रसूल जो हुक्म तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से तुम पर नाज़िल किया गया है पहुंचा दो और अगर तुमने ऐसा न किया तो (समझ लो कि) तुमने उसका कोई पैग़ाम ही नहीं पहुंचाया और (तुम डरो नहीं) ख़ुदा तुमको लोगों के श्शर से महफ़ूज़ रखेगा ख़ुदा हरगिज़ काफ़िरों की क़ौम को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुंचाता