58وَإِذا نادَيتُم إِلَى الصَّلاةِ اتَّخَذوها هُزُوًا وَلَعِبًا ۚ ذٰلِكَ بِأَنَّهُم قَومٌ لا يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजब तुम नमाज़ के लिए पुकारते हो तो वे उसे हँसी और खेल बना लेते है। इसका कारण यह है कि वे बुद्धिहीन लोग है