56وَمَن يَتَوَلَّ اللَّهَ وَرَسولَهُ وَالَّذينَ آمَنوا فَإِنَّ حِزبَ اللَّهِ هُمُ الغالِبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअब जो कोई अल्लाह और उसके रसूल और ईमानवालों को अपना मित्र बनाए, तो निश्चय ही अल्लाह का गिरोह प्रभावी होकर रहेगा