50أَفَحُكمَ الجاهِلِيَّةِ يَبغونَ ۚ وَمَن أَحسَنُ مِنَ اللَّهِ حُكمًا لِقَومٍ يوقِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या ये लोग (ज़मानाए) जाहिलीयत के हुक्म की (तुमसे भी) तमन्ना रखते हैं हालॉकि यक़ीन करने वाले लोगों के वास्ते हुक्मे ख़ुदा से बेहतर कौन होगा