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Sura 5
Aya 37
37
يُريدونَ أَن يَخرُجوا مِنَ النّارِ وَما هُم بِخارِجينَ مِنها ۖ وَلَهُم عَذابٌ مُقيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

वह लोग तो चाहेंगे कि किसी तरह जहन्नुम की आग से निकल भागे मगर वहॉ से तो वह निकल ही नहीं सकते और उनके लिए तो दाएमी अज़ाब है