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Sura 5
Aya 14
14
وَمِنَ الَّذينَ قالوا إِنّا نَصارىٰ أَخَذنا ميثاقَهُم فَنَسوا حَظًّا مِمّا ذُكِّروا بِهِ فَأَغرَينا بَينَهُمُ العَداوَةَ وَالبَغضاءَ إِلىٰ يَومِ القِيامَةِ ۚ وَسَوفَ يُنَبِّئُهُمُ اللَّهُ بِما كانوا يَصنَعونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो लोग कहते हैं कि हम नसरानी हैं उनसे (भी) हमने ईमान का एहद (व पैमान) लिया था मगर जब जिन जिन बातों की उन्हें नसीहत की गयी थी उनमें से एक बड़ा हिस्सा (रिसालत) भुला बैठे तो हमने भी (उसकी सज़ा में) क़यामत तक उनमें बाहम अदावत व दुशमनी की बुनियाद डाल दी और ख़ुदा उन्हें बहुत जल्द (क़यामत के दिन) बता देगा कि वह क्या क्या करते थे