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Sura 5
Aya 13
13
فَبِما نَقضِهِم ميثاقَهُم لَعَنّاهُم وَجَعَلنا قُلوبَهُم قاسِيَةً ۖ يُحَرِّفونَ الكَلِمَ عَن مَواضِعِهِ ۙ وَنَسوا حَظًّا مِمّا ذُكِّروا بِهِ ۚ وَلا تَزالُ تَطَّلِعُ عَلىٰ خائِنَةٍ مِنهُم إِلّا قَليلًا مِنهُم ۖ فَاعفُ عَنهُم وَاصفَح ۚ إِنَّ اللَّهَ يُحِبُّ المُحسِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर उनके बार-बार अपने वचन को भंग कर देने के कारण हमने उनपर लानत की और उनके हृदय कठोर कर दिए। वे शब्दों को उनके स्थान से फेरकर कुछ का कुछ कर देते है और जिनके द्वारा उन्हें याद दिलाया गया था, उसका एक बड़ा भाग वे भुला बैठे। और तुम्हें उनके किसी न किसी विश्वासघात का बराबर पता चलता रहेगा। उनमें ऐसा न करनेवाले थोड़े लोग है, तो तुम उन्हें क्षमा कर दो और उन्हें छोड़ो। निश्चय ही अल्लाह को वे लोग प्रिय है जो उत्तमकर्मी है