113قالوا نُريدُ أَن نَأكُلَ مِنها وَتَطمَئِنَّ قُلوبُنا وَنَعلَمَ أَن قَد صَدَقتَنا وَنَكونَ عَلَيها مِنَ الشّاهِدينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवे बोले, "हम चाहते हैं कि उनमें से खाएँ और हमारे हृदय सन्तुष्ट हो और हमें मालूम हो जाए कि तूने हमने सच कहा और हम उसपर गवाह रहें।"