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Sura 49
Aya 12
12
يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنُوا اجتَنِبوا كَثيرًا مِنَ الظَّنِّ إِنَّ بَعضَ الظَّنِّ إِثمٌ ۖ وَلا تَجَسَّسوا وَلا يَغتَب بَعضُكُم بَعضًا ۚ أَيُحِبُّ أَحَدُكُم أَن يَأكُلَ لَحمَ أَخيهِ مَيتًا فَكَرِهتُموهُ ۚ وَاتَّقُوا اللَّهَ ۚ إِنَّ اللَّهَ تَوّابٌ رَحيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

ऐ ईमान लानेवालो! बहुत से गुमानों से बचो, क्योंकि कतिपय गुमान गुनाह होते है। और न टोह में पड़ो और न तुममें से कोई किसी की पीठ पीछे निन्दा करे - क्या तुममें से कोई इसको पसन्द करेगा कि वह मरे हुए भाई का मांस खाए? वह तो तुम्हें अप्रिय होगी ही। - और अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही अल्लाह तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान है